दिल्ली मे लंगट बाबु स्मृति समारोह

दिल्ली मे रवि दिन 19 अप्रैल को 'लंगट बाबु स्मृति समारोह सह परिचर्चा, बिहार की वर्तमान शैक्षणिक व्यवस्था की संभावना एवम चुनौती' का आयोजन किया जा रहा हैं.

करीब डेढ़ सौ साल पहले तीन जुलाई 1899 को लंगट बाबु ने मुजफ्फरपुर में लंगट सिंह कॉलेज (LS College) की स्थापना की थी.

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तर्ज पर बने इस विश्वविद्यालय में भारत के प्रथम
राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, जेबी कृपलानी, एचआर मलकानी और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जैसी हस्तियों ने अध्यापन कार्य किया था.

बाबु लंगट सिंह का जन्म वैशाली जिले के धरहरा गांव के एक गरीब परिवार में हुआ था. गरीबी के कारण वो पढ़ाई नहीं कर पाए थे. कम उम्र में ही लंगट बाबु को मजदूरी करनी पड़ी. उन्हें रेलवे स्टेशन पर कुली का काम भी करना पड़ा.

बताया जाता है कि एक अंग्रेज अफसर की जान बचाने के चक्कर में उनके पांव कट गये थे, इसीलिए लोग उन्हें लंगट सिंह कह कर पुकारते थे.

खुद अनपढ़ होने के बावजूद उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझा. साधारण मजदूर से अपनी कठोर मेहनत और बुद्धि के बल पर उन्होंने अपनी एक पहचान स्थापित की. उस समय गंगा के उत्तर कोई बढ़िया कॉलेज नहीं था. तब उस महान व्यक्ति लंगट बाबु ने उच्च शिक्षा के लिए मुजफ्फरपुर में कॉलेज की स्थापना के स्वप्न को साकार किया.

लंगट बाबु को इतिहास में वह स्थान नही मिल पाया जिसके वो हक़दार थे.

ऐसे में "लंगट बाबु स्मृति समिति" की ओर से एक कोशिश की गयी है एक ऐसे महान इंसान को याद करने की जिसने 1899 मे शिक्षा का एक ऐसा दीपक जलाया जिस से आज भी अनेक लोगो की ज़िन्दगी में शिक्षा की रौशनी फैल रही है.

उन्हीं की स्मृति में दिल्ली में बिहार की वर्तमान शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया है.

व्याख्यान में केंद्र में राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा, जहानाबाद के सांसद डॉ अरुण कुमार, प्रो आनंद कुमार, वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह आदि कई गणमान्य लोग वक्ता के रूप में मौजूद रहेंगे.




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