उर्मिला माधव के ग़ज़ल संग्रह ''बात अभी बाक़ी है'' का लोकार्पण जयपुर में आयोजित पुस्तक मेले (पिंकसिटी आर्ट कल्चर लिटरेचर फेस्टिवल, बुकफेयर) में किया गया.
उर्मिला माधव बहुत ही कम आयु से ही गज़ल कहने लगी हैं. आपकी गज़ल और नज्म कहने की शैली सबसे अलग पहचान बनाती है.
वर्तमान में विभिन्न साहित्यक मंचों पर
आपकी सक्रियता हैं. ''बात अभी बाक़ी है'' अपका यह पहला एकल संग्रह है जिसे जाने-माने जयपुर के प्रकाशक मायामृग ने अपने बोधि प्रकाशन से प्रकाशित किया है.
लोकार्पण समारोह में देश के जाने-माने शायरों- आदिल रज़ा, बकुल देव, डी के नागायत, फ़ारुख इंजीनियर, इनाम शरर, लोकेश कुमार साहिल, माहिर शैदाई, तरकश प्रदीप, प्रहलाद राय चन्देल, डॉ शैलेन्द्र उपाध्याय ने पुस्तक प्रेमियों की उपस्थिति में किया गया.
मेहमान शायरों ने उर्मिला माधव की ग़ज़लों में मौजूद नएपन और ताजगी को सराहा. लोकार्पण के बाद उपिस्थत सभी शायरों ने अपनी गजल पढ़ा.
- महिमा श्री
उर्मिला माधव बहुत ही कम आयु से ही गज़ल कहने लगी हैं. आपकी गज़ल और नज्म कहने की शैली सबसे अलग पहचान बनाती है.
वर्तमान में विभिन्न साहित्यक मंचों पर
आपकी सक्रियता हैं. ''बात अभी बाक़ी है'' अपका यह पहला एकल संग्रह है जिसे जाने-माने जयपुर के प्रकाशक मायामृग ने अपने बोधि प्रकाशन से प्रकाशित किया है.
लोकार्पण समारोह में देश के जाने-माने शायरों- आदिल रज़ा, बकुल देव, डी के नागायत, फ़ारुख इंजीनियर, इनाम शरर, लोकेश कुमार साहिल, माहिर शैदाई, तरकश प्रदीप, प्रहलाद राय चन्देल, डॉ शैलेन्द्र उपाध्याय ने पुस्तक प्रेमियों की उपस्थिति में किया गया.
मेहमान शायरों ने उर्मिला माधव की ग़ज़लों में मौजूद नएपन और ताजगी को सराहा. लोकार्पण के बाद उपिस्थत सभी शायरों ने अपनी गजल पढ़ा.
- महिमा श्री
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