यूरोप में मध्य युग के दौरान चुडैलों में विश्वास व्यापक था. चुड़ैल शैतानों की उपासना करने के लिए जानी जाती है. यूरोप में जादू-टोना करने के आरोप में हज़ारों पुरुषों और महिलाओं को मार डाला जाता या फिर उन्हें कारावास में डलवा दिया जाता था.
1692 ई. में सलेम (Massachusetts) में एक चुड़ैल का शिकार करने वाले 19 लोगों की मौत हो गयी. आज भी, किसी पर जादू-टोना करने का आरोप लगाने पर विश्व के कई स्थानों पर हिंसात्मक रूप भी ले सकती हैं.
हालांकि सभी चुड़ैलें और जादूगर हमेशा बुरे
ही नहीं होते. लोककथाओं के अनुसार माना यह भी जाता है कि कई जादू-टोना करने वाले दूसरों की मदद भी किया करते हैं.
बुरी आत्माओं और शैतानी शक्तियों का प्रयोग करने वाली चुड़ैल 'ब्लैक- मैजिक' में विश्वास रखती हैं जबकि अच्छी शक्तियों के उपासक 'व्हाइट-मैजिक' में विश्वास करते हैं.
ऑस्ट्रेलिया के अद्भुत जादूगरों में 'मॉर्गन-ले-फ़े' उर्फ़ 'लेडी ऑफ़ लेक' का नाम सबसे उपर है.
लोककथाओं के अनुसार, मॉर्गन ने आर्थर के ही एक जादूगर को अपने प्रेम-जाल में फंसा लिया था. ऐसा करने के पीछे उसका मकसद केवल मर्लिन की जादुई शक्तिओं के बारे में जानना था. मर्लिन के सभी रहस्यमयी जादू शक्तिओं की जानकारी प्राप्त कर मॉर्गन ने उसे अदृश्य दीवारों में क़ैद कर लिया.
कई सारी कहानियों और फिल्मों में भी ब्लैक-मैजिशियन' और 'व्हाईट-मैजिशियन' के अंतर को बहुत बेहतरीन ढंग से दिखाया गया है. बुरी शक्तियों के उपासकों को काले कपड़ो में, बूढ़े बीमार, और बेडौल जबकि इसके विपरीत व्हाईट मजिशियन को बहुत सुंदर, सुडौल और प्यार से बोलने वाली के रूप में दिखाया जाता रहा है.
हालांकि, लोक कथाओं और पुरानी कहानिओं में भी इनका वर्गीकरण पर्याप्त नहीं है. जादूगरों के बारे में कोई भी पूरी तरह से कुछ नही कह पाता, वे अच्छे भी हो सकते हैं और बुरे भी.
मनुष्यों के प्रति उनका व्यवहार बिलकुल ही अप्रत्याशित है. वे अच्छों के साथ अच्छे व बुरों के साथ बुरे होते हैं. ऐसा भी होता है कई बूढ़ी औरतों से मिलने पर भी लोगों को इस बात की भनक तक नही लगती कि वह एक जादूगरनी है. ऐसी हालत में वे अच्छों के साथ बहुत दयालुता से पेश आती हैं लेकिन अशिष्टता दिखने पर वे बुरी भी साबित हो सकती हैं.
चुड़ैल किसी भी रूप में दिखाई दे सकती है. लेकिन, यूरोप और अमेरिका की लोक कथाओं के अनुसार वे एक लम्बी सी काले रंग का लबादा ओढ़े, सिर पे कोणाकार हैट पहने हुए होती हैं.
चुड़ैलें शैतानी आत्माओं से बिलकुल अपने परिचित की तरह बातें करती हैं .कुछ लोक कथाओं में उन्हें 'काली-बिल्ली' से भी बातें करने की बात कही गयी है, वहीँ जापानी लोक कथाओं में 'उल्लू' को जादूगरों के परिचित के रूप में बताया जाता है. ऐसी और भी कई कहानियाँ अलग-अलग जगह प्रसिद्द हैं. अफ्रीका की चुड़ैलों के पास बन्दर हुआ करता है.
अफ्रीकन चुड़ैलों के बारे में तो यह भी कहा जाता है की वे चमगादड़ की सवारी करती हैं. प्रायः जानवरों का रूप धारण कर मनुष्यों का शिकार करती हैं.
पूर्वी यूरोप और पश्चिमी रूस में "बाबा यग' के नाम से एक जादूगर प्रसिद्ध हुआ करती थी. लोग उसे 'बोनी लेग' (bony leg) कह कर बुलाते थे. पतली और बूढ़ी सी वह औरत जंगलों में रहती थी. बाबा यग के घर की दीवारें गोश्त के टांगो की बनी हुई थी और दरवाज़े सजावट मनुष्यों की खोपड़ी से की हुई थी.
प्रवेश करने के लिए बाबा यग ने एक अलग ही फार्मूला बनाया हुआ था. अन्दर जाने क लिए एक विशेष प्रकार का मंत्र पढना होता था. लोगो की मदद के लिए मशहूर बाबा यग से लोग डरते भी थे.
बाबा यग की कहानी वहां के राजकुमार ने जब सुनी तो उससे मिलने की इच्छा जताई. दरअसल, राजकुमार को अपनी पत्नी को एक राक्षस से बचाने के लिए बहुत तेज़ दौड़ने वाले घोड़े की ज़रूरत थी. उसने सुन रखा था की बाबा यग के पास इस प्रकार का एक घोड़ा है,
राजकुमार ने बाबा यग से वह घोड़ा मांगी. बाबा यग ने राजकुमार से घोड़े की तीन रातों के लिए हिफाज़त करने की शर्त रख दी. बाबा यग को मालूम था की वह इसे कभी करने में सफल नही हो पायेगा क्योंकि बाबा यग ने घोड़े को रात में सरपट दौड़ कहीं गायब हो जाने का हुक़्म दे रखा था.
राजकुमार की वहां के अन्य जानवरों के साथ इतनी अच्छी बननी लगी कि उन जानवरों ने मिलकर राजकुमार के लिए उस घोड़े को ढूंढ निकाला. घोड़े पे सवार होकर राजकुमार अपनी पत्नी को बचाने क लिए जैसे ही भागा, बाबा यग ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया, लेकिन वह उससे भी बच निकला.
चुड़ैलों और जादूगरों की ऐसी कई कहानियां लोगों में प्रसिद्ध हैं और लोग उन्हें दिलचस्पी के साथ सुनते और पढ़ते भी हैं. केवल इतना ही नहीं ऐसी कहानियाँ इस बात का भी प्रमाण हैं कि आम मनुष्यों से अलग भी एक दुनिया इस धरती पर है.
-श्वेता मिश्रा
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