श्वेता मिश्रा |
कई राशि-रत्नों को विशेष रूप से चांदी में जड़ने की सलाह दी जाती है क्योंकि चांदी धातु होने के कारण न सिर्फ राशि रत्नों की उर्जा को आकृष्ट करता है बल्कि
रत्नों की विशेषता को भी लम्बे समय तक बनाए रखता है.
आइये जानते हैं चांदी धारण करने के कुछ अन्य लाभ-
माना जाता है की 'चांदी' धारण करने से चंद्रमा के प्रभाव को ठीक किया जा सकता है. विशेष रूप से पूर्णिमा और अमावस्या को चांदी को अधिक प्रभावशाली माना गया है.
चांदी व्यक्ति के अन्दर से नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश करती है साथ ही दुष्प्रभावों से भी व्यक्ति की रक्षा करती है.
चांदी का एक-एक कण सामान रूप से लाभकारी है अतः अपनी- अपनी शक्ति अनुसार इसे धारण किया जा सकता है.
'मून-स्टोन' या अन्य कोई भी रत्न को चांदी में डलवा कर धारण करने से चन्द्रमा को ठीक किया जा सकता है.
चांदी तरक्की का भी प्रतीक है... चांदी व्यक्ति के जीवन से तनाव दूर करती है और उसे आगे बढ़ने के लिए हमेशा सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है. वो कहते हैं ना... 'तुम्हारी तो चांदी ही चांदी है'
आजकल हर दूसरा व्यक्ति तनाव का शिकार है... ना केवल बूढ़े और कामकाजी व्यक्ति बल्कि युवा और छोटे- छोटे बच्चे भी. तनाव ज़िन्दगी में नकारात्मकता को बढ़ावा देती है... इसी नकारात्मकता को सकारात्मक करने के लिए ही चांदी धारण करने के लिए कहा जाता है. जहाँ अच्छे और पॉजिटिव विचारों का आवाहन होता है वहीँ लक्ष्मी का वास होता है.
चांदी ने हज़ारों वर्षों से लोगो की चाँदी की है. चांदी के इन अनमोल और अचूक विशेषताओं के कारण ही चांदी दुनियाभर में लोकप्रिय है.
-श्वेता मिश्रा,
पत्रकार
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