आज देश बड़ी मात्रा में तेल आयात कर रहा है, लेकिन फिर भी मांग और आपूर्ति के बीच की खाई बढ़ती जा रही है. जब हम इस क्षेत्र के बारे में गहराई से विचार करते हैं तो हम सोचने के लिए मजबूर हो जाते हैं. पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (ppac.org.in) में प्रकाशित एक आंकड़े के अनुसार मार्च 2014 के दौरान एक ही दिन में भारत में लगभग 24.5 करोड़ लीटर डीजल की खपत हुई.
रिपोर्ट के अनुसार भारत में 760 करोड़ लीटर की मासिक
खपत होती है तथा साल भर में यह आंकड़ा 8000 करोड़ लीटर को पार कर जाता है जो कि एक चौंकाने देने वाला आंकड़ा है. इस क्षेत्र के अध्ययन से हमे पता चलता है कि विश्व में कच्चे तेल के आयात के मामले में भारत चौथा सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जिसमें अकेले डीजल की ही 44 फीसदी की भागीदारी है.
जनसंख्या पर अगर हम नजर डालते हैं तो पता चलता है कि विश्व की कुल आबादी का 17.31 फीसदी हिस्सा भारत में बसता है, इसका यह अर्थ हुआ कि दुनिया का हर छठवां व्यक्ति भारतीय है. विशेषज्ञों द्वारा की गई भविष्यवाणी के अनुसार 2020 तक भारत की सड़कों पर 450 मिलियन वाहन नजर आएंगे. इसलिए हमें इन मौजूदा बुनियादी ढांचे के अंदर ही ईंधन को अधिक टिकाऊ, सुलभ, और अनुकूल बनाने के लिए एक योग्य समाधान की जरुरत है.
समाधान क्या है?
उपलब्धता के आधार पर इसके समाधान की कल्पना करने पर ऐसा निष्कर्ष सामने आता है कि हमें ऐसे ईंधन की जरुरत है, जिसकी अनूठी गुणवत्ता के कारण कोई नए बुनियादी ढांचे की जरुरत ना हो, जो कॉर्बन डाय ऑक्साईड उत्सर्जन को 90 फीसदी तक कम दे, जिसे फीड स्टॉक की विस्तृत श्रंखला से बनाया जा सकता हो और जो उच्च गुणवत्ता वाले डीजल का उत्पदान करता हो, जिससे वाहनों का 100 फीसदी नवीनीकरण योग्य ईंधन पर परिचालन किया जा सके.
इम्डिजेल-माय इको एनर्जी की 100 फीसदी नवीनीकरण ईंधन की पेशकश
भारत को उर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की अपनी प्रतिबद्धता के साथ माय इको एनर्जी ने बेजोड़ अक्षय डीजल को विकसित किया है. हमने पुणे के नजदीक लोणीकांड में अपना पहला इन्डिजेल ईंधन स्टेशन का शुभारंभ किया. सक्षम और पर्यावरण के अनुकूल उर्जा का समाधान उपलब्ध कराने के लक्ष्य के हमारे प्रयास को ध्यान में रख कर इस ईंधन स्टेशन का निर्माण किया गया है.
जब दुनिया भर की सरकारें अपनी उर्जा की जरुरतों को पूरा करने के लिए एक दूसरे भिड़ी हुई हैं, तो ऐसे में माय इको एनर्जी को पूरा विश्वास है कि इस पहल से भारतीय सरकार के प्रयासों को जबरदस्त मजबूती हासिल होगी. माय इको एनर्जी को विश्वास है कि इस तरह की नवीनता के साथ व्यापार करने की लागत में कमी आएगी जिससे कि आर्थिक वृद्धि और विकास के लिए निवेश में बढ़ोत्तरी होगी. माय इको एनर्जी की पेशकश बायोो डीजल-इन्डिजेल के पंप से मुंबई, पुणे और नाशिक के लोग अपने वाहनों में तेल भरवा सकते हैं.
इन्डिजेल क्या है?
जब हम पेट्रोलियम डीजल के लिए पूर्ण विकल्प के रुप में कुछ तलाश रहे थे, इन्डिजेल का अस्तित्व उसकी ही देन है. हमारे पास इस विषय के बारे में स्पष्ट समझ थी कि खनिज तेल का विकल्प कम से कम इससे अच्छा हो या फिर बेहतर हो. माय इको एनर्जी का स्वच्छ जल जैव ईंधन ‘इन्डिजेल’ पारंपरिक पेट्रोल डीजल के लिए पूरी तरह से विकल्प है.
हम यह बात भी मानकर चल रहे थे कि अगला नवीनीकरण ईंधन मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग करने के लिए होना चाहिए और इन्डिजेल इसमें एकदम फिट बैठता है क्योंकि यह सभी डीजल इंजनों के लिए उपयुक्त है जिसके लिए मौजूदा टंकी और पंप का उपयोग किया जा सकता है.
इंजन में बिना कोई बदलाव किए यह पूरी तरह से पेट्रोल डीजल के साथ अन्तनिर्मेय है, जबकि दूसरे जैव ईंधन ठीक इसके विपरीत हैं और उनकी सीमाएं हैं. इसका कारों, बसों ट्रकों, ट्रेनों, बुलडोजरों, जहाजों और कृषि में उपयोग आने वाले ट्रैक्टरों जैसे वाणिज्यिक डीजल वाहनों को चलाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, इसके अलावा बिजली जनरेटर, औद्योगिक बॉयलर और भट्टियों को भी यह शक्ति प्रदान करने के लिए सक्षम है.
‘इन्डिजेल’ ही क्यों ? अनूठा खुदरा मॉडल:
हमारे द्वारा अपनाए गए सभी दृष्टिकोणों से यह सुनिश्चित करते हैं कि इससे भारत का कई मायनों में फायदा होगा, क्योंकि हम आर्थिक वर्गों के विभिन्न स्तरों पर व्यापारिक अवसरों के द्वार खोलने जा रहे हैं. पूरी तैयारी के साथ शुरु किया गए व्यापार मॉडल से यह निश्चित है कि इन्डिजेल खुदरा विक्रेताओं के लिए नियमित रुप से लाभ पहुंचाएगा. उपभोक्ताओं के बदलते हुए रुझान की गहरी समझ के साथ-साथ बदलते हुए बाजार के रुख को ध्यान में रख कर माय इको एनर्जी उपभोक्ताओं तक पैठ बनाने हेतु सबसे सुविधाजनक फैशन के साथ विभिन्न मॉडलों को लेकर आया है.
कम कीमत पर पूर्ण प्रतिष्ठापन पैकेज हमारे भागीदारों को बेहतर स्थित प्रदान करता है तथा उनको स्वंय का इन्डिजेल व्यापार चलाने के लिए उत्साहित करता है. अगर कोई व्यापारी अपने मौजूदा खुदरा बुनियादी ढांचे के अंदर एसकेयू को जोड़कर इन्डिजेल के साथ खुदरा व्यापार करने की योजना बना रहा है तो उसको भी फायदा हो सकता है. कोई भी व्यापारी एक छोटी सी जगह के साथ और न्यूनतम पूंजी को निवेश करके इन्डिजेल के खुदरा विक्री से लाभान्वित हो सकता है. पूंजी निवेश और उपलब्ध जगह के अनुसार खुदरा व्यापारी पंप के साथ स्थापित अपनी पसंद के आकार की टंकी के चयन की सुविधा उसके मिली हुई है.
आर्थिक लाभ:
1-भारत दुनिया का चौथे नंबर का तेल आयात करने वाला देश है और साथ ही साथ चीन, अमरीका और रुस के बाद भारत में सबसे ज्यादा तेल और पेट्रोलियम उत्पादनों की खपत होती है. डीजल सबसे ज्यादा खपत वाला तेल उत्पादन है, 2013 में सभी तेल खपत में से 44 फीसदी की हिस्सेदारी डीजल की थी. इसी बीच भारत के तेल की मांग और आपूर्ति के बीच खाई और चौड़ी होती जा रही है. इसके अलावा कच्चे तेल के भंडार चार अरब टन की दर से प्रत्येक वर्ष घटते जा रहे हैं. इसलिए इन परिस्थितियों में इन्डिजेल किफायती दरों पर एक बेहतर विकल्प है.
2-माय इको एनर्जी का जैव ईंधन-इन्डिजेल को सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की सब्सिडी नहीं मिलती है, इस प्रकार करदाताओं के पैस की बचत भी होती है. इसके अलावा निर्माण, खुदरा विक्री और वितरण देश में ही होता है, इसके फलस्वरुप आयात बिल में कमी होती है जिससे कि व्यापार घाटा कम हो जाता है.
3-रोजगार का सृजनः जैव ईंधन का उत्पादन स्थानीय स्तर पर किया जाता है, जैव ईंधन संयत्र के लिए हजारो कामगारों की जरुरत पड़ती है, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र में एक बड़ी संख्या में नौकरियों का सृजन होगा. जैव ईंधन के उत्पादन के लिए उपयुक्त फसल की मांग बढ़ेगी, जिससे कृषि उद्योग के क्षेत्र में आर्थिक उछाल आएगा. इससे बढ़कर जैव ईंधन का मौजूदा बुनियादी ढांचे में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसके निष्क्रिय पड़े ईंधन स्टेशनों को दोबारा शुरु करने के लिए मदद होगी, तथा हमारे द्वारा आरंभ किए गए अद्वितीय खुदरा मॉडल से सभी आर्थिक वर्गों से संबंधित लोगों के बीच व्यापार के अवसर पैदा होंगे.
पर्यावरणीय लाभः
1-2012 में प्रकाशित विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है. इतना ही नहीं भारत के 15 शहर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं. इन्डिजेल टेबल नमक से भी कम विषाक्त है और चीनी की तुलना में अधिक प्राकृतिक रुप से सड़नशील है. इन्डिजेल के उपयोग से कॉर्बन मोनोऑक्साईड, नही जला हुआ हाइड्रोकॉर्बन और विविक्त कणों को घटाने में मदद मिलती है.एक अमरीकी उर्जा विभाग के अध्ययन के अनुसार पेट्रोलियम डीजल की तुलना में बायोोडीजल के उत्पादन और उपयोग से कॉर्बन डायऑक्साइड के उत्सर्जन में 78.5 फीसदी की कमी पाई गई है. इसलिए इन्डिजेल के उपयोग द्वारा कॉर्बनडायऑक्साइड, विविक्त कणों, हाइड्रोकॉर्बन, सल्फर ऑक्साइड, नाईट्रोजन ऑक्साइड, कॉर्बन मोनोऑक्साइड और जीवाश्म ईंधन के लंबी अवधि तक जलने के परिणाम स्वरुप वातावरण में फैली विषैली वायु की बढ़ती हुई मात्रा को नियंत्रित करने के लिए सीधे तौर योगदान मिलता है.
2-इन सबसे बढ़कर बायोोडीजल एक सकारत्मक उर्जा संतुलन है. एक गैलन बायोो-डीजल बनाने के लिए एनर्जी के जितनी इकाई की जरुरत होती है, उससे हमको प्रत्येक इकाइ के बदले 4.5 इकाई एनर्जी प्राप्त होती है.
वाहन लाभ
1-इन्डिजेल में सिटेन संख्या से मापे जाने वाले उच्च स्तरीय दहन क्षमता मौजूद है. इसे पेट्रोलियन डीजल की तुलना में अधिक सिटेन संख्या हासिल है. बेहतर दहन क्षमता होने के कारण इन्डिजेल से ज्यादा माईलेज के साथ-साथ ज्यादा शक्ति प्राप्त होती है.
2-इन्डिजेल में उच्च दर्जे का लुब्रिकेटिंग मौजूद है जिसके कारण इंजन की आयु में बढ़ोत्तरी होती है.
3-इन्डिजेल पेट्रोलियम डीजल के साथ मूल विनिमेय है और इसके इस्तेमाल के लिए किसी भी तरह के इंजन में संशोधन की जरुरत नही होती है.
4-इन्डिजेल का पेट्रोलियम डीजल के विकल्प के रुप में इस्तेमाल करने का इरादा है और साथ-साथ इसे किसी भी अनुपात में पेट्रोलियम ईंधन के साथ मिश्रित किया जा सकता है.
इन्डिजेल की लांचिंग के बाद माय इको एनर्जी के निदेशक श्री संतोष वर्मा ने कहा कि “यह प्रत्येक देश की आवश्यकता है और समान रुप से सभी देशों पर लागू है. निकट भविष्य में पूरे महाराष्ट्र में बायो-डीजल के खुदरा विक्रेताओं और वितरकों के नेटवर्क के विस्तार की हमने योजना बनाई है. पूरे महाराष्ट्र में बायो-डीजल से युक्त ईंधन पंप की स्थापना के बाद हमने ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने के लिए देश भर में नेटवर्क के विस्तार करने की योजना तैयार कर रखी है. माय इको एनर्जी द्वारा पेश बायो-डीजल में ज्यादातर स्थानीय स्तर पर इस्तेमाल हुए खाद्य तेल के उत्पादनों का उपयोग किया जाता है तथा यह प्राकृतिक तरीके से सड़नशील और गैर विषैला है.”
माय इको एनर्जी के बारे में
माय इको एनर्जी बायो-ईंधन के उत्पादन, वितरण और विपणन के विशेष व्यवसाय से जुड़ी हुई है. माय इको एनर्जी यूके आधारित प्रमोटर्स की कंपनी गो फ्युल्स लिमीटेड की विशेषज्ञता का उपयोग करके पूरी उत्पादन प्रक्रिया को और भारतीय बाजार में वितरण नेटवर्क को मजबूत बना रही है. माय इको एनर्जी निकट भविष्य में यूरोपियन युनियन और पूर्वी युरोप के बाजार में प्रवेश करने की तैयारी में है.
अधिक जानकारी के लिए– http://www.myecoenergy.in