जी हां बेटी को जन्म देना आज भी कई जगहों पर गुनाह के तौर पर देखा जाता है.
लोगों की मानसिकता आज भी बदली नहीं है बेटा-बेटी को लेकर. आज भी हमारे समाज में बेटे को बेटी से ज्यादा तरजीह दी जाती है.
गुरुवार को बिहार में दरभंगा जिले के सहसपुर गांव में बेटी को जन्म देने वाली मां को पीट-पीट कर मार डाला गया.
यह कोई पहली मां नहीं जिसे मारा गया, आए दिन कहीं मां
जलाई जाती है तो कहीं बेटी. आखिर ऐसा कब तक चलेगा?
आखिर औरत कब तक कभी मां बनकर... तो कभी पत्नी... तो कभी बेटी बनकर सारे जुल्म चुपचाप सहती रहेगी.
अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब महिलाओं का अस्तित्व मिट जायेगा धरती से. बेटी को जन्म लेने से पहले मार दिया जा रहा या बेटी जन्म देने के बाद मां की हत्या कर दी जा रही है.
महिलाओं को इसके लिये आगे आकर अपनी लड़ाई खुद ही लड़नी होगी. तब ही जाकर महिला जाति को बचाया जा सकता है.
- अर्चना सिंह,
पत्रकार
1 comment:
Dukh ki baat yeh hoti hai ki aurat ki dusman bhi aurat hi hoti hai.
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